जैसा कि आप सभी जानते है की आज क्रिसमस का त्यौहार है , दुनियाँ भर में क्रिसमस का त्यौहार हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है | चर्च में घंटिया बज रहीं हैं , गिर्जाघर जिंगल बेल के स्वर से गूँज रहें हैं ,आतिशबाजी की जा रही है, मान्यता है की आज रात 12 बजे परमपिता परमेश्वर के पुत्र इशू का जन्म हुआ था | इशू की माँ का नाम मैरी और पिता का नाम जोसेफ था , मरियम की गोद में दिव्या शिशु दुनिया के लिए एक नई उम्मीद की नई किरन
बनकर आए थे | मानव जाति के लिए खुद को शूली को चढ़ाने वाले ईशामसीह के लिए वेटिकनसिटी समेत कई देशों के चर्च में प्रार्थना की जा रही है |
क्रिसमस एक ऐसा पर्व है जो ईश्वर के प्रेम ,आंनद , उद्धार का सन्देश देता है ,क़रीब 2 हज़ार वर्ष पूर्व इशा मशीह के मनुष्य के रूप में जन्म लेने की याद में जीजस का जन्म हुआ, तब ख़ुशी व्यक्त करने के लिए सभी देवताओं ने सदाबहार वृक्ष को सजाया तब से ही इस वृक्ष को क्रिसमस ट्री का प्रतीक समझा जाने लगा और यह परंपरा प्रचलित हो गई… और आज के दिन लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री को सजाते हैं |
प्रभू इशू एक सामान्य व्यक्ति थे ,उन्हें कस्टदायक मृत्यु सहनी पड़ी , मृत्यु के बाद उन्हें दफ़नाने के लिए एक क़ब्र तक भी नसीब नहीं हुई फिर उन्हें किसी और की कब्र में दफनाया पड़ा |
आपको बता दें कि इस 12 दिन के फेस्टिवल को क्रिसमस टाइड के नाम से भी जाना जाता हैं कई देशो में इस दिन सांता की प्रथा का अनुसरण किया जाता है