International :संयुक्त राष्ट्र( United Nations) के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने हाल ही पाकिस्तान का दौरा किया इसी दौरान उन्होंने भारत सरकार के लाये विवादित नागरिकता कानून पर चिंता व्यक्त की है।एक सवाल का जवाब देते हुए ऐन्टोनिओ ने बोला कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 निष्प्रभावी किये जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र( United Nations) हाई कमिश्नर की रिपोर्ट को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र( United Nations) के प्रमुख ने एक इंटरव्यू में किया दावा
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में शिरकत की और एक इंटरव्यू के दौरान जब उनसे भारत के नागरिकता संशोधन कानून के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कई “यकीनन मैं इससे चिंतित हूं क्योंकि ये ऐसा क्षेत्र है जिसमें संयुक्त राष्ट्र( United Nations) बिल्कुल सक्रिय है.” वे यह भी बोले कई संयुक्त राष्ट्र ( United Nations) शरणार्थी उच्चायुक्त बहुत सारी समस्याओं के साथ नागरिकता संबंधी समस्या को लेकर सक्रिय हैं. इस तरह के नागरिकता संबंधी कानून बनने से राज्यविहीन होने का खतरा पैदा हो जाता है। इसलिए यह ज़रूरी है के किसी भी नए कानून को बनाते वक़्त यह ध्यान रखना अति आवशयक है कि कहीं उस कानून से किसी आबादी की राज्यविहीनता का खतरा न पैदा हो। यदि अगर कोई अपने आपको दस्तावेज के आधार पर संबंधित देश का नागरिक कह रहा हो तो ऐसा नहीं होना चाहिए कि उससे उसका बुनियादी अधिकार छीन लिया जाए।
कश्मीर के मुद्दे पर भी जताई चिंता
United Nations चीफ ने कश्मीर में 370 हटाए जाने के बाद वहां के मौजूदा हालात पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र हाई कमिश्नर की दो रिपोर्ट से कश्मीर की वर्तमान स्थिति का पता चलता है। इसलिए जरूरी है कि कश्मीर पर रिपोर्ट को गंभीरता से लिया जाए. इससे पहले रविवार को इस्लामाबाद में यूएन प्रमुख ने कहा था कि कश्मीर की स्थिति से वो चिंतित हैं और कश्मीर की दीर्घकालीन समस्या को खत्म करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ की भूमिका भी निभाने को तैयार हैं। वहीँ भारत ने इस मामले पर अपना रुख साफ़ करते हुए कहा के नागरिकता कानून और कश्मीर मुद्दा दोनों ही भारत के आंतरिक मामले हैं। और वह अपने मामलों में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं चाहता है।