आज देश में स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजली दी और ट्वीट करते हुए कहा महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत माता के सच्चे सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन,कृतज्ञ राष्ट्र देश की आजादी के लिए उनके त्याग और समर्पण को सदा याद किया जायेगा। आगे pm मोदी ने नेता शुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस मनाने को कहा है।
नेताजी से जुड़े कुछ रोचक तत्थय।
देश में जब जलियावाला बाग़ हत्याकांड हुआ तो कहा जाता है कि अंग्रेजो ने कुओं में भारतीय किसानो और देश के लिए आवाज़ उठाने वाले देश के वीर सपूतो की समाधि बना दी सैकड़ो लोग इस हत्याकांड में मारे गए जिससे देश में काफी आक्रोश भी हुआ लेकिन इन सबके बीच एक और घटना घटी थी वो थी भारत के महान क्रन्तिकारी और नेताजी जी के नाम से मशहूर “सुभाष चंद्र बोस” को लेकर। सुभाष चंद्र बोष ने इस नरसंघार से व्याकुल होकर प्रशासनिक सेवा से स्तीफा दे दिया
सुभाष जी बचपन से ही थे होनहार।
10वीं और स्नातक में सुभाष चंद्र बोस ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, परिवार के कहने पर वो प्रशासनिक सेवा की तैयारी के लिए इंग्लैंड चले गए, साल 1920 में सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार प्रशासनिक सेवा के लिए आवेदन किया और पहली ही बार में न केवल पास हुए बल्कि चौथा स्थान भी हासिल किया, लेकिन वो ज्यादा समय तक प्रासनिक सेवा से जुड़े नहीं रहे और साल 1921 में हुए जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड से व्याकुल होकर उन्होंने नौकरी से स्तीफ़ा दे दिया।सुभाष चंद्र बोस ने इसके बाद देश की आज़ादी के लिए कई अहम् लड़ाइया लड़ी जिसमे उन्हें कई बार जेल की यात्राएं भी करनी पड़ी सिंगापुर में उन्होंने आज़ाद हिन्द फौज की स्थापना की , सुभाष चंद्र बोस द्वारा एक नारा भी दिया गया था “तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आज़ादी दूंगा” बहरहाल द्वितीय विश्व युद्ध में जापान और जर्मनी के हार के साथ के कारण आजाद हिन्द फ़ौज का सपना पूरा नहीं हो सका लेकिन इससे देश की आज़ादी की उम्मीद और ज्यादा मजबूत हो गई।