एक ऐसा बेजुबान शख़्स जिसको इंडियन आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवाणे ने सम्मानित किया है , जो न तो आर्मी ऑफिसर है और न ही अपने बारे में कुछ बता सकता है ,और इस समय सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। हम बात कर रहे हैं एक घोड़े की जिसका नाम रियो है। रियो हनोवरियन ब्रीड का घोड़ा है, उसका जन्म उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित रेमाउंट ट्रेनिंग स्कूल एंड डिपो में हुआ था। जब वह 4 साल का था तब से ही वह गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा ले रहा है। पिछले दिनों जनरल नरवाणे ने इसे प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। रियो बाकी घोड़ों से काफी अलग है और सेना का लाडला है आपको बता दें गणतंत्र दिवस की परेड पर रियो ने एक बार फिर राजपथ की परेड पर अपना जलवा बिखेरा।
गुड़, गाजर खिलाकर की गई आवभगत।
सेना प्रमुख ने असाधारण सेवा के लिए रियो की पीठ थपथपाई है ,22 साल के रियो की पीठ पर चमकीली कालीन सजाई गई और गुड़, गाजर खिलाकर उसकी आवभगत की गई। रियो को कमेंडेशन कार्ड भी दिया गया। रियो अब गणतंत्र दिवस के आयोजनों के लिए कोई अजनबी नहीं है और इस बार उसने 15वीं बार दल के कमांडर को परेड में अपनी पीठ पर बैठाया है । सेना सूत्रों की तरफ से बताया गया कि रियो ने हर साल अपने क्लास को बरकरार रखा है उसे प्रशस्ति पत्र मिलना निश्चित तौर पर एक गौरवशाली पल है. जनरल नरवाणे ने रियो को रग से सम्मानित करने के बाद उसकी पीठ थपथपाई कैप्टन दीपांशु शेयोरण ने 72वीं गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में दल के कमांडर के तौर पर रियो की पीठ पर सवारी की थी, कैप्टन दीपांशु को भी इस मौके पर सम्मानित किया गया है।