देश की आजादी के बाद से ही देश को विकसित करने की नज़र से देखा जाने लगा था। 1947 से लेकर आज तक के जितने भी नेता हुए सभी नेताओं ने देश को विकसित करने में अपनी पूरी ताकत लगा दी। और आज भारत हर क्षेत्र में मुक़ाम हांसिल कर रहा है।जिम्मेदार पदों पर आसीन नेता व अफसर जो दिन रात जन सेवा में लगे रहते है। न केवल जनता के हित के बारे में सोचा बल्कि आवारा मवेशियों के लिए जगह -जगह गौशाला उपलब्ध कराए हैं,जिससे कुछ हद तक किसानों को तो राहत मिली ही है साथ मवेशियों को भी। जनता जिसका आभार व्यक्ति करती है। इसी कड़ी में जनता ,सरकार से एक और मदद चाहती है। सड़क पर आवारा घूम रहे कुत्तों से हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई सुलभ तरीका।
एंटी रैबीज़ वैक्सीन का है घोर आभाव।
रास्ते चलते आपको गली मोहल्ले या सड़क पर डॉग्स का झुंड खड़ा मिल जाता होगा ,यही झुण्ड कभी गाड़ियों के पीछे भागते है।कभी कभार तो यह झुण्ड पैदल चलते राहगीरों पर को अपना शिकार बना लेते है जिसके बाद चौदह इंजेक्शन की वह पीड़ा से होकर गुजरना पड़ता है, एक कड़वा सच जो सबको पता है की एंटी रैबीज़ वैक्सीन का घोर आभाव रहता है। इन्हे कोई नुकसान नहीं पहुँचा सकता,न ही किसी को ऐसा करना चाहिए क्योंकि कानून ने रोक लगाया है लेकिन बंध्याकरण तो किया जा सकता है।
इन्हें भी समस्या का करना पड़ रहा है सामना ।
हीं दूसरी सच्चाई यह भी है कि फैली इस समस्या को बेचारे इन लावारिस कुत्तों को भी झेलना पड़ती है कभी कार,कभी बाइक के धक्के या फिर भूखे पेट के लिए चुपके से कुछ खाने के लिए उठा लेना जिसकी वजह इंसानो से डाँडो की मार से घायल होते रहते हैं। कमर टूट जाने की वजह से कोई सड़क पर घिसटता नजर आता है तो कोई टांग टूटने की वजह से कराहता नजर आता है। कई बार आपने पिल्ले को कूं कूं करते देखा होगा ,कभी अपनी माँ के लिए ,कभी कड़कती ठंढ़ की वजह से। सरकार को इसपर जल्दी फैसला लेना चाहिए जिससे सड़क दुर्घटनाओं को कम होने सके साथ ही इन लावारिस कुत्तों को भी दर्द से न गुजरना पड़े।