Delhi: पिछले अगस्त में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से ही हिरासत में चल रहे जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री Omar Abdullah पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लगाए जाने के खिलाफ दायर याचिका Supreme Court ने मंज़ूर कर लिए है। मेल की सुनवाई देश की उच्चतम अदालत में गुरुवार 5 मार्च को होगी। 10 फ़रवरी को Omar की बेहेन सारा ने Supreme कोर्ट में दयार की थी याचिका। इस याचिका में Omar Abdullah को जेके-पीएसए-1978 के तहत हिरासत में लिए जाने को अवैध बताया गया था।
क्या है PSA ?
पब्लिक सेफ्टी एक्ट जो 1978 में बना एक ऐसा कानून है। जिसको उन लोगों या संगठनों पर लगाया जाता है जिनसे आम जन-मानस की सुरक्षा को खतरा पहुँचने की आशंका हो। इस कानून के तहत 6 महीने से 2 साल तक शख्स को हिरासत में रखा जा सकता है। पीएसए को राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने साल 1978 में लागू किया था। अब इसी कानून के चलते जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मानती Omar Abdullah समेत कई लोग हिरासत में हैं।
Omar Abdullah पर सरकार और प्रशासन का जवाब
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस अरुण मिश्रा और इंदिरा बनर्जी की पीठ के समक्ष सारा पायलट की याचिका पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से जवाब दाखिल किया। वहीं, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत के एक पूर्व फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि हिरासत में रखने के मामले में याचिकाकर्ता को पहले उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए।आपको बता दें, अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 हटाने और राज्ये में कर्फ्यू लगने के बाद से ही जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री Omar Abdullah , Farookh Abdullah , Mehbooba Mufti आईएएस अधिकार Shah Faisal समेत कई बड़ी हस्तियां हिरासत में हैं। अब देखना ये होगा की सुप्रीम कोर्ट उमर अब्दुल्लाह हिरासत पर क्या फैसला सुनाता है।