Delhi: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में हुई एक कैबिनेट बैठक में राम मंदिर टूस्ट(Ram Mandir Trust) को मंजूरी दे दी गयी है। इस ट्रस्ट का नाम ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ रखा गया है। गौरतलब है की कैबिनेट का फैसला दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटिंग से महज तीन दिन पहले आया है। पीएम मोदी ने ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) गठन की सुचना खुद लोकसभा में दी। जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के मुताबिक ये ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और उससे संबंधित फैसले लेने के लिए पूर्णता स्वतंत्र होगा।
प्रश्नकाल से पहले दी राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) गठन की सुचना
आपको बता दें की प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही सुचना दी की सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) बनाने और 67. 70 एकड़ जमीन देने का फैसला ले लिया गया है। इसके अलावा मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन देने के प्रस्ताव को भी यूपी सरकार ने मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री के इस ऐलान के बाद पूरा सदन ‘जय श्रीराम’ के नारों से गूँज उठा। विपक्ष ने प्रधानमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया लेकिन साथ ही साथ दिल्ली चुनाव से तुरंत पहले लिए गए इस फैसले पर सवाल भी उठाये।
ट्रस्ट में होंगे कुल 15 सदस्य
इस ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) में कुल 15 सदस्य होंगे जिनमें 9 स्थायी होंगे और 6 मनोनीत सदस्य होंगे। इस ट्रस्ट में 9 सदस्य होंगे के. पराशरण (हिन्दू पक्ष के वकील ) विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा (अयोध्या राजघराने से ) डॉ. अनिल कुमार मिश्रा (आरएसएस ) कामेश्वर चौपाल (दलित सदस्य) महंत दिनेन्द्र दस (निर्मोही अखाड़ा) जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिषपीठधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद महाराज, प्रयागराज, जगद्गुरु माधवचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नातिर्थ जी महाराज (पेजावर मठ), उडुप्पी, युग पुरुष परमानन्द जी महाराज (हरिद्वार ), स्वामी गोविन्द जी महाराज (पुणे), इसके बाद 6 मनोनीत सदस्य चुने जायेंगे।