Delhi: सरकार द्वारा लाये गए सिटिज़नशिप अमेंडमेंट एक्ट के खिलाफ शाहीन बाग़ में जमा प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच बात-चीत का रास्ता खोलने लिए देश के उच्चतम न्यायालय(Supreme Court) द्वारा सोमवार को तीन वार्ताकारों की नियुक्ति की गयी थी। जिसमे वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्र और पूर्ण आईएएस अफसर वजाहत हबीबुल्लाह थे। आज यह टीम प्रदर्शन कर रहे लोगों से बात करने शाहीन बाग़ पहुँची। खबर है कि शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहीं दादीयां आज इन् वार्ताकारों से बात करेंगीं।
पैनल में शामिल है वरिष्ठ वकील
आपको बता दें कि पैनल में शामिल वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वजाहत हबीबुल्ला और साधना रामचंद्रन ने एक सर्वमान्य हल के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया है। जहाँ एक ओर सरकार का अपने कदम पर अड़े रहने का दवा है वहीँ विरोध करने वालों का कहना कि वे बात-चीत के लिए तो तैयार हैं पर यह विरोध और धरना प्रदर्शन तब तक ख़तम नहीं होगा जब तक सरकार भेदभाव पूर्ण नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं ले लेती।
Supreme Court ने कहा विरोध लोकतंत्र का अभिन्न अंग
सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने असहमति और विरोध को लोकतंत्र में अभिन्न बताया कोर्ट ने कहा के विरोश प्रदर्शन करना लोगो का संविधानिक अधिकार है लेकिन इस विरोध से बाकि नागरिकों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए। और किसी सड़क को बंद कर देना सही नहीं कल को दूसरा पक्ष किसी और सडक को बंद कर सकता है जिससे लोगों को परेशानी होगी । इसीलिए अटकलें यह भी दोनों पक्षों में एक तरफ का रास्ता खोलने पर सहमति बन सकती है। इसके लिए शुरू से ही प्रदर्शनकारियों और वार्ताकारों के बीच तालमेल बनाने के कोशिशें की जा रहीं हैं।अब देखना यह होगा के कोर्ट(Supreme Court) की ओर चुने गयी इन् वार्ताकारों की यह टीम दोनों पक्षों के बिच सार्थक संवाद करने की कोशिश में किस हद तक सफल हो पाती है।