समाज के लोगों को मोटीवेशन देने वाली नोएडा की उरूज हुसैन जो एक ट्रांसजेंडर महिला है। हुसैन का कहना है कि वर्कप्लेस पर उनके साथ उत्पीड़न होता था, उन्होंने हमेशा व्यवहारिक असामनता का सामना करना पड़ा। अपने साथ हुए गलत व्यवहार से परेशान होकर बाद हुसैन ने नोएडा के सेक्टर 119 में एक कैफ़े कि नीव रखी , जिसका नाम उन्होंने स्ट्रीट टैंपटेशन रखा है।
किन्नर समाज ने हासिल किये बड़े मुक़ाम
उरूज़ का आगे कहना है कि यह कैफ़े सभी के साथ एक समान व्यवहार करता है ,और मुझे उम्मीद है कि हमारे समुदाय के लोग मुझसे प्रेरित होंगे। आपको बता दें कि ट्रांस महिला वह होती है जो एक पुरुष के रूप में और ट्रांस पुरुष जो एक महिला के रूप में जन्म लेता है जिसे ट्रांसजेंडर कहा है।
साल 2014 में भारत सरकार की संस्था नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी और भारत सरकार के बीच हुए एक मुकदमे का फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर को थर्ड जेंडर माना। उरूज़ हुसैन के अलावा एडम हैरी भारत के पहले मेल ट्रांसजेंडर पायलट और पश्चिम बंगाल ज्योयता मंडल ने जज के रूप में सफलता हासिल करके किन्नर समुदाय को प्रेरित किया है।