Delhi: NRC या राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर जो पिछले कई वक़्त से देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के बयान आपस में मेल नहीं खाते उसी NRC को लागू न करने को लेकर भजपा के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) की सरकार ने बिहार विधानसभा में एक प्रस्ताव पास कर दिया है। न केवल यह बल्कि बिहार सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) का भी 2010 के प्रारूप को ही लागू करेगी। नीतीश कुमार(Nitish Kumar) ने कहा कि एनपीआर 2010 के प्रारूपों के अनुसार ही होना चाहिए। इसको लेकर नीतीश ने केंद्र सरकार को पत्र भी भेजा है। नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि ग्रामीण इलाकों के लोगों को जन्मदिन का पता नहीं होता उनके लिए जन्म प्रमाण पात्र देना आसान नहीं।
तेजस्वी ने CAA पर साधा निशाना
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे और बिहार विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में CAA की आलोचना की, तेजस्वी ने सीएए को ”काला कानून,संविधान विरोधी और देश को तोड़ने वाला’’ करार दिया। आपको बता दें तेजस्वी उन नेताओं में से हैं जो नागरिकता कानून पर खुलकर विरोध जताते रहे हैं। बीजेपी के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उनसे अपना बयान वापस लेने तक को कह डाला।
तेजस्वी के बयान पर नीतीश कुमार(Nitish Kumar) से स्तिथि साफ़ करने की अपील
इससे पहले बिहार विधानसभा में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा ”काला कानून’’ बताए जाने पर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामा हुआ जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। बिहार विधानसभा की मंगलवार को कार्यवाही शुरू होने पर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने एनपीआर को लेकर विपक्षी दलों आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई माले द्वारा लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव पर सबसे पहले चर्चा कराए जाने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) से इसको लेकर स्थिति साफ किए जाने की मांग की.