Delhi: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी की अगुवाई में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस नेताओं का एक दल पिछले कुछ दिनों में दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में हुई हिंसा(Delhi Violence) को लेकर राष्ट्रपति भवन पहुँच कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की जानकारी खुद President of India के ट्विटर हैंडल से भी दी गई। कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली हिंसा(Delhi Violence) पर राष्ट्रपति कोविंद को ज्ञापन सौंपा है।
दिल्ली सरकार हिंसा पर मूकदर्शक बनने का आरोप।
राष्ट्रपति से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए सोनिया गाँधी ने बताया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में हमने दिल्ली में स्थिति को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की थी। सोनिया गांधी ने कहा, ‘केंद्र और दिल्ली सरकार हिंसा(Delhi Violence) पर मूकदर्शक बनी रही। उन्होंने कहा कि हिंसा ने 34 लोगों की जान ले ली और लोगों के कारोबार खत्म कर दिए गए। इसके अलावा कांग्रेस ने राष्ट्रपति कोविंद से केंद्रीय गृहमंत्री को हटाने का आह्वान करते हुए गृह मंत्री अमित शाह से इस पुरे मामले पर नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा के राष्ट्रपति आप नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। सोनिया ने यह भी कहा के राष्टपति द्वारा उनकी बातों का संज्ञान लेने के आश्वासन से वे संतुष्ट हैं।
दिल्ली हिंसा(Delhi Violence) देश के लिए शर्म की बात: मनमोहन
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, कांग्रेस समिति द्वारा राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राजधर्म की रक्षा के लिए अपने अधिकार का उपयोग करने के लिए कहा। उन्होंने कहा बीते कुछ दिनों से देश की राजधानी दिल्ली में जो हो रहा है वह बेहद चिंताजनक और शर्मिंदा करने वाला है। देश के लिए शर्म की बात है कि कम से कम 34 लोग मारे गए हैं और 200 लोग घायल हुए हैं, कुल मिलाकर यह केंद्र सरकार की विफलता है। राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले पार्टी शिष्टमंडल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेता शामिल थे।