लखनऊ: योगी कैबिनेट ने मंगलवार को लखनऊ(Lucknow) और नोएडा में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसी के साथ लखनऊ के पहले कमिश्नर के नाम का ऐलान भी कर दिया गया। आईपीएस सुजीत पांडेय लखनऊ(Lucknow) के कमिश्नर होंगे, वहीं नोएडा का चार्ज आईपीएस आलोक सिंह को मिला है। आईपीएस सुजीत पांडेय ने का नाम पुलिस विभाग में जाना पहचाना नाम है। मूल रुप से भागलपुर (बिहार) के रहने वाले सुजीत पांडेय 1994 बैच के आईपीएस हैं। इनके पिता बिहार कैडर में आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं। सुजीत पांडेय सीबीआई में सात साल तैनात रहे हैं। आईपीएस ने बॉम्बे ब्लास्ट, नंदी ग्राम समेत अन्य कई बड़े बम ब्लास्ट मामलों पर काम किया है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में करीब 12 से ज्यादा जिलों की कमान संभाली है। इसके अलावा सुजीत आईजी एसटीएफ का चार्ज भी संभाल चुके हैं। वहीं डीजीपी ओपी सिंह ने उनका अच्छा रिपोर्टकार्ड देखते हुए उन्हें लखनऊ आईजी का चार्ज दिया था। सुजीत पाण्डेय को लेकर कहा जाता है कि पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के समय में कुछ अंदरूनी विवाद के चलते उन्हें साइड लाइन कर दिया गया था। वहीं उन्हें आईजी टेलीकॉम का जिम्मेदारी सौंप दी गई थी।
लखनऊ(Lucknow) के दो बड़े हत्याकांड के जांच का चार्ज :
लखनऊ(Lucknow) के सनसनीखेज विवेक तिवारी हत्याकांड में सीएम के आदेश पर सुजीत पाण्डेय के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई। काफी आलोचनाओं के बीच उन्होंने इस केस को सुलझाया।वहीं प्रत्यूषमणि त्रिपाठी हत्याकांड पर जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर दबाव बनाया, तबभी सुजीत पाण्डेय ने नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की थी। बाद में प्रत्युष के पांच साथियों की गिरफ्तारी के साथ आइपीएस ने स्वह उजागर किया और चार बेगुनाहों को जेल जाने से बचा लिया।