26 जनवरी को हुई घटना के बाद कमजोर लग रहा किसान आंदोलन एक बार फिर तूल पकड़ रहा है ,कल किसान नेता राकेश टिकैत की आंखों से गिरे आंसुओं के बाद आंदोलन में यू टर्न आता दिख रहा है. भिवानी, हिसार, कैथल, जींद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, बिजनौर से रात में ही किसानों का जत्था गाजीपुर की तरफ निकल पड़ा।
मनीष सिसोदिया ने कहा किसानो के साथ हैं हम।
गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत से मिलने पहुंचे मनीष सिसोदिया ने कहा, ”मुझे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने भेजा है, उनका निर्देश था कि मैं जाकर पानी वगैरह की व्यवस्था देखूं, इसलिए मैं यहां आया था। उन्होंने कहा ,’किसानों की पगड़ी उछली जा रही है, लेकिन पेट भरने के लिए रोटी के जरूरत होती है न की कानून की। हम किसानों के साथ है और पानी की व्यवस्ता भी उनके लिए की जाएगी।
लाल किले की प्राचीर पर रखे प्राचीन कलशों में से दो कलश गायब।
गाजियाबाद के लोनी से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर पर राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचकर धमकी देने का आरोप लगाया था , इस आरोप पर नंद किशोर गुर्जर ने सफाई देते हुए कहा कि वो गाजीपुर बॉर्डर नहीं गए थे और ये बात अगर कोई साबित कर
दे तो वो राजनीति छोड़ देंगे। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि उपद्रवियों ने लाल किले की दर्जनों बेशकीमती और पुरातात्विक महत्व की चीजों को नुकसान पहुंचाया है इतना ही नहीं लाल किले की प्राचीर पर रखे प्राचीन कलशों में से दो कलश भी गायब है।
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