Religion and Sprituality: कैलाश मानसरोवर(Kailash Mansarovar) का नाम सुनते ही मन में श्रद्धा और भक्ति की भावना अपने आप जागृत हो जाती है। कैलाश यानि देवो के देव महादेव का निवास स्थान जहा भगवान शिव के दर्शन करने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु कठिन रास्तों की परवाह किए बिना यात्रा पर जाते हैं। कैलाश मानसरोवर(Kailash Mansarovar) केवल एक तीर्थ नहीं बल्कि लोगों की आस्था का केन्द्र भी है। आज हम कैलाश मानसरोवर से जुड़े कुछ रहस्यों को बताने जा रहे है जो आपको शायद ही पता हो
पहला रहस्य –
कैलाश मानसरोवर(Kailash Mansarovar) को 12 ज्येतिर्लिंगों में सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है। कैलाश पर्वत बर्फ़ से सटे 22,028 फुट ऊँचे शिखर और उससे लगे मानसरोवर को कैलाश मानसरोवर तीर्थ कहते है। इस अलौकिक जगह पर ध्वनि तरंगों का समागम होता है, जो ओम की प्रतिध्वनि करता है।
(Kailash Mansarovar) दूसरा रहस्य –
हिंदू धर्म-ग्रंथों के अनुसार – भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर ही समाधि लगाई थी और भगवान शिव वही निवास करते थे। तिब्बती बौद्धों के अनुसार – परम आनन्द के प्रतीक बुद्ध डेमचोक (धर्मपाल) कैलाश पर्वत के अधिष्ठाता देव हैं और वे कैलाश पर्वत पर ही निवास करते हैं। जैन धर्म के अनुसार – प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने यहीं निर्वाण प्राप्त किया था। जैन कैलाश को अष्टापद कहते हैं।
तीसरा रहस्य –
हिंदू मान्यता के अनुसार मानसरोवर मानस और सरोवर से मिलकर बनी है जिसका अर्थ होता है – मन का सरोवर। कहते है मानसरोवर झील भगवान ब्रह्मा के मन में उत्पन्न हुई थी इसलिए इसका नाम मानसरोवर पड़ा।
चौथा रहस्य –
हिंदू धर्म के लिए आस्था का माना माने जाने वाला मानसरोवर(Kailash Mansarovar) , तिब्बत की एक झील है। जो कि 320 वर्ग कि.मी तक फैली है। इसके उत्तरी भाग में कैलाश पर्वत और पश्चिमी भाग में राक्षसताल है।
(Kailash Mansarovar) पांचवा रहस्य
कैलाश पर्वत पर कई पर्वतारोहियो ने चढ़ने की कोशिशे की जहा उन्हें ऐसे-ऐसे अनसुलझे रहस्यों का भी बोध हुआ। एक पर्वतारोही ने अपनी किताब में लिखा था कि- “इस पर्वत पर रहना असंभव था, वहां किसी अनजान वजह से दिशा भ्रम होता है और दिशा का ज्ञान नहीं रहता है, वहां पर चुंबकीय कंपास भी धोखा देने लगता है, शरीर के बाल और नाखून भी ज्यादा तेजी से बढ़ने लगते हैं वह जगह बहुत ही ज्यादा रेडियोएक्टिव है”