कल भारत ने अपना 72 व गणतंत्र दिवस मनाया, पूरा देश तिरंगे की खुशबू से महका, भारत की राजधानी दिल्ली के लालकिले पर, भारत के कोने कोने से आए कलाकारों की कलाकारी , अलग अलग तरह की संस्कृति का प्रदर्शन देखने के लिए सुबह 10 बजे से ही देशवाशियो की नजरे टिकी रहीं , इस समारोह में लालकिले पर राष्ट्रीय पति रामनाथ कोविंद ने झंडा फहराया और अमर शहीदों को श्रीधंजलि दी। दिल्ली का राजपथ भारत माता के जयकारो और वन्दे मातरम से गूंज रहा था लोगो की नजरे राजपथ की सौंदर्यता पर टिकी थी, लेकिन देखते ही देखते राजपथ का रंगीन नजारा बेरंग हो गया , जब तक सरकार कुछ समझ पाती तब तक भीड़ हिंसा का रूप ले चुकी थी। अगर हम बात करे 1947 की तो अंग्रेजी शासन के बाद इसी दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया गया था पूरा देश गौरान्वित्त था,वहीं अगर बात करे वर्ष 2021 की तो 72 वें गणतंत्र पर लालकिले पर बेहद शर्मनाक घटना हुई।
देश के लोगो ने चूकना चूर किया देश के गौरव को।
जिन किसानो को भारत में पूजा जाता था, जय जवान जय किसान का नारा दिया जाता था , आज उन्ही किसानो ने भारत के गौरव को ठेस पहुंचाई है। इन उग्रवादियों ने आज एक बार फिर उस दौर को याद दिलाया है जब इसी लाल किले पर मुगलो का शासन था ,लेकिन हमारे साहसी वीर जवान लाल किले के पीछे की दीवार से चढ़ते थे और मुग़ल उन्हें नीचे फेंक दिया करते थे , ठीक उसी तरह इसी लाल किले पर जब देश जश्नेआज़ादी मना रहा था तब पर अपने ही लोगो ने सुरक्षाकर्मियों के साथ अंग्रेजो जैसा बुरा बर्ताव कर देश को शर्म से झुका दिया है। अब इनके साथ क्या किया जाये ?क्या ये पाकिस्तान से आए है ?या चीन से ? दुर्भागयय तो ये है की ये किसी भी देश के नागरिक हो नहीं सकते लेकिन इनका जन्म भारत में ही हुआ है,इनकी पहचान भी भारत से है।