नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ( (JNU)) परिसर में रविवार रात हिंसा हुई जिसमें 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घायल लोगों में छात्रों समेत शिक्षक भी शामिल हैं। इस मामलेे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक से बातचीत की और पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के अनुसार, मानव संसाधन मंत्रालय (एचआरडी) ने इस पूरे मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ सोमवार को शीघ्र बैैठक बुलाई जिसमें उपकुलपति भी मौजूद रहेंगे। साथ ही जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार से रिपोर्ट भी मांगी गई है। मालूम हो कि देर रात तक विश्वविद्यालय परिसर के बाहर प्रवेश द्वार के सामने छात्रों ने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में बड़ी तादात में जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय के छात्र भी शामिल थे। बाद में जब पुलिस द्वारा जेएनयू का प्रवेश द्वार खोल दिया गया था तो प्रदर्शनकारी छात्र परिसर के अंदर दाखिल हो गए थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है तथा परिसर में हुई हिंसा में बाहर से आए छात्रों की भूमिका की जांच-पड़ताल जारी है। दिल्ली पुलिस के पीआरओ, एमएस रंधावा ने आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय में जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों के साथ बैठक की जिसके बाद छात्रों के एक प्रतिनिधि मंडल को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में जाने की इजाजत दे दी गई जहां हिंसा में जख्मी छात्रों का इलाज जारी है।
मुंबई व पुणे के छात्रों ने जताया विरोध
दिल्ली के जेएनयू (JNU) परिसर में हुई हिंसा को लेकर देश के अन्य हिस्सों से छात्रों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। जहां मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के बाहर विभिन्न कॉलेज के छात्रों ने एकजुट होकर जेएनयू हिंसा का विरोध किया। वहीं, पुणे के स्टूडेंट्स ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन ऑफ इंडिया के छात्र जेएनयू (JNU)हिंसा के विरोध में प्रदर्शन पर उतर गए।
जेएनयू (JNU) छात्र संघ अध्यक्ष के सिर पर आई गंभीर चोट
गौरतलब है कि रविवार देर रात जेएनयू (JNU) परिसर में दो छात्र गुटों- एबीवीपी और लेफ्ट के बीच टकराव हुआ। इस दौरान मारपीट की गई और विश्वविद्यालय की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। इस पर जेएनयू छात्र संघ का दावा है कि हिंसा के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिम्मेदार है। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिंसा के लिए लेफ्ट के छात्र संगठनों एसएफआई, आइसा और डीएसएफ के कार्यकर्ताओं पर को दोषी ठहराया है। हिंसा के दौरान छात्र व शिक्षक समेत 20 से ज्यादा लोग जख्मी हुए इनमें जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल हैं। उनके सिर पर गंभीर चोट आई है। जेएनयू में एबीवीपी के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार का कहना है कि विश्वविद्यालय के कई छात्रावासों में एबीवीपी से जुड़े छात्रों के साथ मारपीट की गई। साथ ही छात्रावासों के खिड़की व दरवाजें भी लेफ्ट के छात्र संगठनों ने तोड़ें हैं। हालांकि, जेएनयूएसयू का कहना है कि एबीवीपी के छात्रों ने साबरमती और अन्य छात्रावासों में प्रवेश कर छात्रों पर हमला किया और पथराव कर तोड़फोड़ मचाई है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने नकाब पहना हुआ था।