NewDelhi : दिल्ली पुलिस(Delhi Police) ने जेएनयू हिंसा मामले में आज प्रेस कांफ्रेंस की. पुलिस ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जांच को लेकर अफवाहें फैल रही थीं, इसलिए प्रेस कांफ्रेंस की है. साथ ही पुलिस ने मीडिया से अपील की कि यह सेंसिटिव मामला है तो मीडिया इसका ध्यान रखे और सही रिपोर्टिंग करे. प्रेस कांफ्रेंस में दिल्ली पुलिस डीसीपी/क्राइम जॉय टिर्की ने कहा कि मामले की जांच को लेकर कई तरह की गलत जानकारी फैलाई जा रही है. एक जनवरी से लेकर 5 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन होना था. हालांकि SFI, AISA, AISF और DSF छात्र संगठनों ने छात्रों को रजिस्ट्रेशन करने से रोका. रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों को धमकाया जा रहा था. इसके बाद विवाद लगातार बढ़ता गया और पांच जनवरी को पेरियार व साबरमती हॉस्टल के कुछ कमरों में हमला किया गया. जॉय टिर्की ने कहा कि जेएनयू में हिंसा करने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाये गये. नकाबपोश जानते थे कि उनको किस-किस कमरे में जाना है. हिंसा के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले हैं. हालांकि हमने वायरल वीडियो के जरिए आरोपियों की पहचान की है. इसको लेकर हमने 30-32 गवाहों से भी बातचीत की है.
दिल्ली पुलिस(Delhi Police) के अनुसार चार जनवरी को सर्वर रूम पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया था. 5 जनवरी को सुबह 11.30 बजे मारपीट हुई. पुलिस का कहना है कि नकाबपोश हमलावरों को मालूम था कि किस-किस कमरे में जाना है. छात्रों को चुन चुनकर निशाना बनाया गया.प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस ने कहा कि इससे पहले 4 जनवरी को चार छात्र संगठनों के छात्रों ने हमला किया था. पुलिस के अनुसार ये छात्र SFI, AISA, AISF, DSF से संबंधित थे. ये लोग छात्रों के रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे थे. इसके बाद अगले दिन नकाबपोशों ने हमला कर दिया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली पुलिस(Delhi Police) ने कुछ फोटो जारी किये. दिल्ली पुलिस(Delhi Police) के पीआरओ एमएस रंधावा ने फोटो और नाम जारी करते हुए कहा कि अभी जांच चल रही है. पुलिस ने कहा चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, आईशी घोष, सुचेता ताल्लुकदार, वास्कर विजय, प्रिया रंजन, योगेंद्र भारद्वाज(यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट के एडमिन), विकास पटेल, डोलन सामंता नाम के छात्रों की पुलिस ने पहचान की है. ये सभी तीन, चार और पांच तारीख की झड़प में शामिल थे. इन सभी लोगों के खिलाफ सबूत जुटाने में सीसीटीवी कैमरों ने मदद की.