विश्व के महाशक्तिशाली देश यानि की अमेरिका ,की जनता ने पिछले दिनों अपना राष्ट्रपति बाइडेन के रूप मे चुन लिए| है इससे पूर्व वहा के राष्ट्रपति ट्रम्प थे, अपने काम से अमेरिका की जनता के दिलों मे राज किये है, पर ऐसी क्या वजह रही की इस बार अमेरिका जनता ने, उनके बजाय बाइडेन को अपने राष्ट्पति के तौर पर चुना|
क्या 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प का राष्ट्रपति बनाना महज एक इस्तेफ़ाक़ था ?
कुछ लोगो का मानना था की पिछले चुनाव 2016 में, ट्रम्प सिर्फ इस्तेफ़ाक़ से राष्ट्रपति बन गए थे,तो यह बात बिल्कुल भी सच नहीं हैं क्यों की, इस बार अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प को 70 मिलियन यानि की 7 करोड़ वोट मिले इतना ही नहीं उन्हें राष्ट्रीय स्तर के वोटिंग पर उनको47 %से भी अधिक वोट मिले है, वही उनके वोटो की गढ़ना की जाये तो 70 मिलियन वोट यानि की, अमेरिका के वोटिंग नम्बर में यह दूसरा बड़ा नम्बर है |
तो आखिर कहा हुई गलती?
यू तो बोला जाता है की २०१६ में उनको इस वजह से जित हासिल हुई थी की ,वो राजनीतिक मामलो में बिना वजह नहीं पड़ते तथा लीक से हटकर चलने वालो में से थे , किन्तु इस बार उन्होंने उन मुद्दों पर खुलकर बोला जिसपे लोग बोलने से बचते थे महिला वर्ग की तरफ से भी उनको लेके नारजगी सामने आ रही थी|
ट्रम्प के समर्थको का आखिर क्या विचार है इस पर |
ट्रम्प के पुराने समर्थको का ये कहना है की, उनके बात करने के तरीके को लेके तथा आक्रामक तरिके से अपनी बात रखना कही न कही जनता को पसंद नहीं रहा था| वही महिला वर्ग में उनको लेके नराजगी थी| तो वही पिछले दिनों US में स्वेत और अश्वेत को लेके जो क्रांति हुई थी ,कही न कही ये सारी वजहें ट्रम्प की हार ,और बाइडेन की जीत का कारण बानी |