सफलता के इस मुकाम पर पहुंचकर मान्या का कहना है की ,जब वो अपने बारे में सोचती है। तो उनको ये यकीन नहीं होता है। की ये उन्होंने कर के दिखाया। जिसके बारे में वो सपने देखती है। तो उनके रोंगटे खड़े हो जाते है। किन्तु आज उन्होंने बेहद ही गर्व होता है। उन्होंने अपने माँ बाप का सर गर्व से ऊंचा करा दिया है। जहा महज 14 साल की उम्र में जब वो स्कूल जाती थी। तो अपने आस पास के लड़कियों को देखती रहती थी। जो की अपना जीवन बेहद ही सुखद पूर्वक जी रही होती है। तो वही मान्या एक ऐसे परिवार से सम्बंधित थी। जिनके लिए स्कूल फीस दे पाना भी मुश्किल था। एक बार तो स्कूल की फ़ीस देने के लिए उनकी माँ गहने बेचने पड़े थे। वो इन सब सुख सुविधाओं के बारे में सोच भी नहीं सकती थी।
मान्या का मुकाम तक पहुंचना।
मान्या का जन्म उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के छोटे से कस्बे में हुआ था। पिता रिक्शाचालक है। और माँ ब्यूटीशियन है। तो वही छोटी रोजी रोटी में चार लोगो का भरण पोषण करना बेहद ही मुश्किल था। महज 14 साल की उम्र में घर से भागकर मुंबई आ गयी। मुंबई आते ही उनके कठिनाईयों का दौर शुरू हो जाता है।
संघर्षो से सीखा जीना।
मान्या बताती है मुंबई में वो एक पिज़्ज़ा आउटलेट में काम किया। और अपनी पढ़ाई पूरी की। वो बताती है की वो वहां काम के दौरान फर्श को साफ करके बर्तनो को धुलकर निचे ही सो जाती थी। इस दौरान उन्होने जाना की लोगो के साथ पेश कैसे आते है। इसके बाद उन्होंने एक टेलिकालिंग कंपनी में काम किया। और अपनी बोलचाल की भाषा को निखारा। और खुद को मिस इंडिया के लिए तैयार किया।
माता पिता का सर किया ऊंचा।
मान्या बताती है जब उन्होंने घर पर इस बारे में बताया तो सबने इसका विरोध किया।तो वही उनक एक छोटे से कस्बे से संबंधित होना। जहा पर लड़कियों अपने मन से खाने पिने ,और पढ़ने तक का अधिकार नहीं था। तो वही वो आज मिस इंडिया की रनर अप हो गयी। उनके माता पिता उनके इस मुकाम से बेहद की गर्वान्वित महसूस कर रहे हैं।