नए कृषि कानून और इसके खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर लगातार संसद के दोनों सदनों में हंगामा बरपा हुआ है. बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा में जवाब देना था, लेकिन लगातार तीन दिन तक हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी. नरेंद्र मोदी राज्यसभा में
राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब दे रहे हैं। ऊपरी सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में 15 घंटे की बहस हुई। सदन के सत्र के दौरान सत्ता और विपक्ष के बीच किसान आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर तीखी बहस हुई।…
भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है।
भारत का लोकतंत्र सत्यम शिवम् सुंदरम पर निर्धारित है |
इस कोरोना काल में भारत ने वैश्विक संबंधों में एक विशिष्ट स्थान बनाया है, वैसे ही भारत ने हमारे फेडरल स्ट्रक्चर को इस कोरोना काल में, हमारी अंतर्भूत ताकत क्या है, संकट के समय हम कैसे मिलकर काम कर सकते हैं, ये केंद्र और रज्य सरकार ने मिलकर कर दिखाया है।
भारत केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं है। भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है और यह हमारा लोकाचार है। हमारे राष्ट्र का स्वभाव लोकतांत्रिक है। भारत का प्रशासन लोकतांत्रिक है- परंपराओं, इसकी संस्कृति, इसकी विरासत और इसकी इच्छाशक्ति सभी लोकतांत्रिक है। हम एक लोकतांत्रिक देश बनाते हैं।
लोकतंत्र को लेकर यहां काफी उपदेश दिए गए हैं। लेकिन मैं नहीं मानता हूं कि जो बातें यहां बताई गईं हैं, उसमें देश का कोई भी नागरिक भरोसा करेगा। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं।
मार्च तक 17 राफेल भारत में होंगे |
राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘अब तक 11 राफेल विमान आ चुके हैं और मार्च तक 17 राफेल भारत की धरती पर होंगे। अप्रैल 2022 तक हमारे सारे राफेल भारत आ जाएंगे। हमारी सेना ने अब पाकिस्तान की शरारतों को सीमा तक ही सीमित कर दिया है। जिस प्रकार की कार्रवाई हमारी सेना के द्वारा की जाती है उसकी जितनी सराहना की जाए वो कम है।’
मैथलीशरण शरण गुप्त की कविताओं के बोल बोले |
प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में मैथिलीशरण गुप्त की कविता की पंक्तियां पढ़ी- अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है। तेरा कर्मक्षेत्र बड़ा है, पल पल है अनमोल। अरे भारत! उठ, आंखें खोल..! आज के समय में अगर कहा जाता है तो ऐसे कहते- अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा हर बंदिश को तोड़, अरे भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़।