भारत की पूर्व प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमति इंद्रा गाँधी जी की आज जयंती हैं | भारत की जनता आज भी उनके कुशल नेतृत्व की सराहना एवं मिशाल देती हैं | आज के इस विशेष दिन पर देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने ट्वीट कर उनको पर श्रद्धांजलि दी हैं| तो वही राहुल गाँधी एवं प्रियंका गाँधी द्वारा भी उनको श्रद्धांजलि अर्पित की हैं |
राहुल गाँधी ने उनकी जयंती के दिन पर सोशल मीडिया के जरिये याद करते हुए लिखा की, एक कुशल प्रधानमंत्री एवं शक्ति रूप श्री मती इंद्रा गाँधी जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि | आज पूरा देश आज भी आपको एक सफल प्रधानमंत्री के रूप में याद करता है | लोग आज भी आपके विचारो एवं आपके कुशल नेतृत्व की मिशाल देता हैं |
राहुल गाँधी ने इंद्रा गाँधी जी को याद करते हुए लिखा हैं की, जहा पूरा देश आपको एक कामयाब,सार्थक प्रधानमंत्री के रूप में याद करता हैं| लेकिन मैं हमेशा आपको अपनी प्यारी दादी के रूप में याद करता हू | आपकी सिखाई बाते हमेशा मुझे प्रोत्साहित करती हैं |
वही अन्य नेताओ ने भी इंद्रा गाँधी जी की जयंती पर श्रंद्धाजली अर्पित की हैं| तो वही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने इंद्रा गाँधी मेमोरियल म्यूजिशन जाके उनको श्रद्धांजलि अर्पित की हैं |
इंद्रा गाँधी जी की कुछ विशेष छवि |
देश की पहली एवं अंतिम महिला प्रधानमंत्री का जन्म 19 नवम्बर को 1917 को एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था | इकोले नौवेल्ले, जिनेवा, पूना और बंबई में स्थित प्यूपिल्स ओन स्कूल, बैडमिंटन स्कूल, ब्रिस्टल, विश्व भारती, शांति निकेतन और ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की थी| बचपन में उन्होंने बाल चरखा संघ किं स्थापना की| उसके साथ ही देश में चल रहे असहयोग आंदोलन में भी भाग लेके कांग्रेस की सहायता की| उन्हें सितम्बर 1942 में जेल में भी डाल दिया गया था| 1959 और 1960 के दौरान इंदिरा चुनाव लड़ीं और भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस पार्टी की अधय्छ चुनी गयी| वह 1966-1964 तक सुचना प्रसारण की मंत्री बनी रही| इसके जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक वो भारत की प्रधानमंत्री रही | इंद्रा गाँधी जी ने जून 1970 से नवंबर 1973 तक गृह मन्त्रालय के कार भार को संभाला | जनवरी 1980 में वो योजन आयोग की अध्यछ बनी | 14 जनवरी 1980 में वो एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनी | 31 अक्टूबर 1984 में उनकी हत्या हो गयी |
इंद्रा गाँधी जी की निजी ज़िन्दगी |
इंद्रा गांधी जी ने फिरोज गाँधी से शादी की | शरू में तो वो अपना वारिस संजय को बनाना चाहती थी|लेकिन दुर्घटना की वजह से संजय की मृत्यु हो गयी| जिसके बाद राजीव गाँधी जी को अपनी पायलट की नौकरी परित्याग करने के बाद राजनीती में कदम रखना पड़ा | इंद्रा गाँधी की मृत्यु के बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने | जिसके बाद उनकी भी हत्या आतंकवादियों द्वारा कर दी गय| |ये तमाम बाते इंद्रा जी की मजबूती, उनके विचारो तथा उनके कुशल नेतृत्व को दर्शाती हैं |