पालघर साधुओ के साथ हुई मॉब लिंचिंग मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की थी। जिस पर आज यानी सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पालघर जिले में हुई मॉब लिंचिंग मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी।
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में महाराष्ट्र सरकार ने पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि हमने विभागीय जांच के बाद 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की। महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से हो इस बात पर सहमति नहीं जाता रहे थे। । महाराष्ट्र सरकार का सरकार ने कहा था कि इस मामले की सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मांग की थी कि 16 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं के साथ हुई भीड़ हिंसा की जांच भी सीबीआई से कराई जाए। परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने कहा था कि सीबीआई जांच के लिए अगर जरूरत पड़ी तो अखाड़ा परिषद द्वारा कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
आखिर क्या था पूरा मामला।
16 अप्रैल 2020 की रात 10 बजे के करीब सुशीलगिरी महाराजऔर कल्पवृक्ष गिरी महाराज और नीलेश तेलगड़े नामक ड्राइवर के साथ देशव्यापी कोरोना लॉकडाउन के बीच एक कार में सवार होकर मुंबई के कांदिवली से गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इस बीच गडचिनचाइल गांव में भीड़ ने पुलिस टीम की मौजूदगी में उन पर हमला किया और बेहद ही बर्बरता के साथ उनकी हत्या कर दी थी।
साधुओं के रिश्तेदार और जूना अखाड़ा के साधुओं ने महाराष्ट्र सरकार की जांच पर संदेह जताते हुए सीबीआई और एनआईए जांच की गुहार लगाई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार, डीजीपी, सीबीआई और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।