पश्चिम बंगाल में चुनाव की तारीखे जैसे जैसे नजदीक आ रही है। भाजपा और तृणमूल में युद्ध देखने को मिल रहा है जहा रैलियों के दौरान दोनों पार्टियों में घमासान मची ही रहती है। सम्बोधन के दौरान दोनों ही पार्टियों के नेताओ द्वारा एक दूसरे पर जमकर निशाना साधा जा रहा। तो वही भाजपा द्वारा बंगाल में अपनी फतह हासिल करने और भाजपा का झंडा लहराने के लिए सारे दांव पेंच आजमा रही है। जिससे की ये अब साफ होता जा रहा है। पश्चिम बंगाल के गलियारों मोदी बनाम ममता दीदी की लड़ाई जोरो शोरो से छिड़ी हुई है।
तो वही दूसरी तरफ इस जंग में कांग्रेस ढीली पड़ती हुई नजर आ रही है। जहा तृणमूल और भाजपा एक दूर को कांटे की टक्कर देते नजर रहे है। तो वही ऐसा लगता है कांग्रेस ये लड़ाई कांग्रेस स्थानीय नेताओं के भरोसे रहकर लड़ रहे है. हाल यह है कि अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने रैलियां तक नहीं की हैं।
तो वही कोलकाता के दीवारों पर ममता दीदी की पार्टी तृणमूल और भाजपा के संदेशजनक नारो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है की मुकंबला कितना टक्कर का होगा। केरल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वामदलों से मुकाबला है, लेकिन पश्चिम बंगाल में पार्टी ने वामदलों के साथ गठजोड़ किया है। पार्टी की ओर से यहां 92 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए गए हैं। जिसके कारण हो सकता है कांग्रेस की तरफ से यहाँ कोई रैली नहीं की गयी। राहुल गांधी लगातार असम और दक्षिण पर फोकस कर रहे हैं तो प्रियंका गांधी असम और यूपी पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।