दीपावली यानी कि दीपों का त्योहार, दीपावली यानि की अंधकार को पराजित कर प्रकाश की विजय होना, दीपावली यानि की 14 वर्षों बाद श्री राम जी का आगमन अयोध्या में होना, यह तमाम बातें इस तरफ इशारा करती है की दीपावली में हमारे लिए एक त्यौहार नहीं बल्कि एक भावना है ,भावना वह जो हमारे धर्म और अध्यात्म से जुड़ी है| जहां आज तक भारतवासी श्री राम जी के लौटने पर खुशी मनाते हैं | तथा उस दिन दीयों की रोशनी से अपने घरों शहरों गांवों व कस्बों को जगमगाते हैं|
आखिर क्या है दीपावली का इतिहास?
दीपावली का त्यौहार हमारे यहां कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है| तो वहीं स्कंद पुराण में भी दीपावली का वर्णन किया गया है |( तमसो मा ज्योतिर्गमय) यानी की हे ईश्वर हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलें | यह उपनिषदों की भाषा है, जहां एक तरफ हिंदू धर्म के लोग इसे भगवान राम के लौटने की खुशी में मनाते हैं | वहीं दूसरी ओर जैन धर्म के लोग इसे महावीर मोक्ष के रूप में मनाते हैं| दीपावली का महत्व दीपावली का वर्णन हमारे इतिहास में कई तरह से किया गया है |
हिंदू धर्म सिख धर्म और जैन धर्म में दीपावली अलग-अलग रूप से मनाई जाती है | इस दिन को असत्य पर सत्य ,और अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में भी मनाया जाता है |
क्या रहता है खास ?
आज पूरा देश दीपावली का त्यौहार हर्षो उल्लास से मना रहा है | कहा जाता है कि आज के दिन मां लक्ष्मी क्षीर सागर से प्रकट हुई थी| इसलिए आज के दिन मां लक्ष्मी की पूजा कर के लोग अपने धन समृद्धि की प्रार्थना करते हैं| वही दीपावली पर कई जगह लोग सुबह उठकर सूप बजाते हैं और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं| कहा जाता है ऐसा करने से घर की बुरी बला टल जाती है| जो दिवाली का त्यौहार हर धर्म में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है | हिंदू धर्म में राम जी के वापस आने की खुशी में ,जैन धर्म में महावीर मोक्ष की खुशी में, वही महाभारत में इसका वर्णन मिलता है कि आज के दिन पांडव वापस आए थे| तथा दूसरा काली पूजन के नाम से मनाया जाता है|
हिन्दू धर्म में क्या हैं इसकी मान्यता?
यू तो दीपावली एक ऐसा त्यौहार हैं जो सिर्फ हमारे यहाँ ही नहीं बल्कि अन्य कई देशो में भी मनाया जाता हैं | और ये त्यौहार मनाने की सबकी अलग अलग वजहें हैं| पर हमारे हिन्दू धर्म में इसको लोग अधिक उल्लास के साथ इसलिए मनाते है क्यों की इस दिन श्री राम का आगमन हुआ था, तो वही दूसरी तरफ आज माँ लक्ष्मी भी प्रकट हुई थी तथा आज के ही दिन ,माँ लक्ष्मी और भगवान् विष्णु का विवाह भी हुआ था| तथा वही कुछ लोग माँ काली की आराधना करके भी इसको मानते है| लोगो का ये भी मानना हैं तो की आज के ही दिन पाण्डुओ का भी अज्ञात वास समाप्त हुआ था| इसलिए हमारे हिन्दू धर्म में लोग दीपावली को लेके इतने उत्साहित रहते हैं|