कोरोना टीकाकरण से जुड़ी बढ़ी लापरवाही सामने आ रही है। मोहल्ला सरावज्ञान निवासी सरोज पत्नी स्वर्गीय जगदीश, नगर रेलवे मंडी निवासी अनारकली और सत्यवती के साथ सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में कोरोनारोधी वैक्सीन की पहली डोज लगवाने गईं थीं। घर आने पर महिला सरोज को तेज चक्कर आने और घबराहट होने लगी। इसके बाद परिजन उसे निजी चिकित्सक के पास ले गए। चिकित्सक ने सीएचसी से दिए गए पर्चे को देखा तो उस पर एंटी रैबीज वैक्सीन लगाना लिखा हुआ था। बाद में अन्य दोनों महिलाओं के पर्चे देखे गए तो उन पर भी एंटी रेबीज दर्ज थी। स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. बिजेंद्र सिंह का कहना है कि तीन महिलाओं को एंटी रैबीज लगाने का मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच की जा रही है।
आखिर क्या है सच्चाई।
ऐसा संभव नहीं है। एंटी रैबीज और कोरोना टीकाकरण अलग-अलग स्थान पर हो रहा है। कोरोना सेंटर पर एंटी रैबीज का टीका होता ही नहीं है, दोनों जगह पर स्टाफ भी अलग-अलग होता है। महिलाएं गलती से एंटी रैबीज कक्ष में गई होंगी। सीएचसी प्रभारी को जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। – डॉक्टर संजय अग्रवाल, सीएमओडीएम जसजीत कौर ने बताया कि एसडीएम कैराना सहित दो अधिकारियों को जांच के लिए लगाया गया हैं। दोनों अधिकारी आज अस्पताल में जांच और पीड़ित महिलाओं के बयान लेंगे। इसके बाद प्रकरण की जांच की जाएगी। जसजीत कौर का कहना है कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।