चमोली के जोशीमठ क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा का सही कारण जानने के लिए जीबी पंत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन इनवायरमेंट अल्मोड़ा की टीम चमोली रवाना होगी। इस टीम में वैज्ञानिक और इंजीनियर होंगे। टीम आपदा का सही कारण जानने के लिए वहां रुककर शोध करेगी और बाद में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
जीबी पंत इंस्टीट्यूट में हिमालय में पर्यावरणीय बदलावों को लेकर लगातार शोध होते रहते हैं। केदारनाथ में आई आपदा के बाद हिमालयी क्षेत्र के ग्लेशियरों पर संस्थान की ओर से विशेष तौर पर नजर रखी जाती है। चमोली में आपदा आने के बाद पूरे विश्व की नजर इस ओर है। कोई इस आपदा का मूल कारण हिमालय क्षेत्र में बन रहे बांधों को बता रहा है तो कोई जलवायु परिवर्तन को बता रहा है। इंस्टीट्यूट की ओर से बताया गया कि आपदा का सही कारण पता लगाने के लिए चार लोगों की टीम का गठन किया गया।
जीबी पंत इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. आरएस रावल ने कहना है कि आम व्यक्ति आपदा को लेकर कोई भी आकलन कर सकता है, लेकिन एक वैज्ञानिक जब तक कोई प्रमाणित डाटा न हो तब तक कोई भी राय जाहिर नहीं करेगा। कहा कि संस्थान की टीम आपदा के क्षेत्र में जाएगी और वहां पूरी मेहनत के साथ डाटा इकट्ठा करेगी। जल्द ही आपदा के सही कारणों का पता लगा लिया जाएगा। हम सभी जानकारियों पर नजर बनाए हुए हैं।
इसका नेतृत्व इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जेसी कुनियाल करेंगे। उनके साथ टीम में वैज्ञानिक डॉ. सुमित राय, डॉ. कपिल केसरवानी और इंजीनियर वैभव होंगे। बताया कि टीम चमोली के लिए रवाना हो जाएगी और शोध के लिए वहीं रुकेगी। व्यापक शोध करने के बाद आपदा के सही कारणों और इससे जुड़ी अन्य जानकारियों की रिपोर्ट बाद में पेश की जाएगी।