यु तो हमरे देश में 23 दिसम्बर किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है | लेकिन इस बार किसान दिवस के दिन पर एक अलग ही मंजर सामने आ रहा है | जहा हमारे देश के किसान भारत की राजधानी दिल्ली में कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे है | किसानो एवं सरकार के बिच 5 वे दौर की बातचीत भी हई| लेकिन उसका कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया | न ही तो किसान अपना आंदोलन रोकने का नाम ले रहे है | और सरकार अपना फैसला बदलने का नाम ले रही है | किसान संगठन भी लंबी लड़ाई के लिए तैयार|
सरकार की तरह आंदोलनरत किसान संगठन भी लम्बी लड़ाई के लिए तैयार है | है। बड़ी बात यह है कि किसानों में जमीनी स्तर पर पकड़ रखने वाले संगठनों में अब तक फूट नहीं पड़ी है। तो वही सरकार भावी रणनीति के लिए एक दो दिन बढ़ी बैठक करवा सकती है | तो वही दूसरे और किसानो ने अपना आंदोलन और तेज कर दिया| जिससे सरकार पर और दबाव बने| रोजाना 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठ कर अंदोलन कर रहे है तो वही मगलवार के बातचीत के बाद सरकार किसानो जवाब की रही है |