अभी गर्मी का महीना पूरी तरह से आया भी नहीं की जंगली इलाकों आग लगनी शुरू हो गयी है। सीजन शुरू होने के बाद जंगल की आग का सिलसिला लगातार जारी है। कर्णप्रयाग में सेमीग्वाड़ गांव के पास जंगल में लगी आग रविवार रात को और विकराल हो गई।
आग स्कूल और गांव तक पहुंच गई थी, जिसे ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद बुझा दिया। ग्रामीण रातभर आग बुझाने में लगे रहे। ग्रामीणों ने एक जगह की आग बुझाई थी कि दूसरी तरफ सेमी गांव में फिर आग लग गई। आग से सैकड़ों पेड़-पौधे जलकर नष्ट हो गए। सोमवार देर शाम तक वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने में जुटे रहे।
जंगल में आग लगने से हिंसक जानवरों का गांव में आने का खतरा बना है। कर्णप्रयाग के समीप सेमीग्वाड़ गांव के जंगल तीन दिनों से लगातार जल रहे हैं।जंगल में चीड़ के पेड़ और पीरूल की अधिकता होने से वन विभाग भी आग पर काबू नहीं पा सका। ग्रामीणों ने कहा कि रविवार रात को आग स्कूल और गांव के पास आ गई। यह देख स्थानीय निवासी अनुज, नवल, राधे, नवीन, प्रहलाद, संजय, गिरीश, गौरव, राकेश, मनीष, लक्ष्मी, दिवाकर, ममता, रेखा, सोनी, मंजू, उम सोबती, दर्शनी, विनीता, विशंबरी आदि पानी और हरी टहनियां लाकर आग बुझाने में जुट गए। उन्हें जहां-जहां पीरूल दिखा, वह उसे हटाते गए और इस तरह ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया।वहीं पिछले दिनों में ही प्रदेश में करीब 350 मामले सामने आए हैं और करीब 400 हेक्टेयर जंगल इससे प्रभावित हुआ है।
वही ग्रामीणों का कहना था कि, वहां आग बुझने के तुरंत बाद सेमी गांव में आग लग गई। वन विभाग के रेंजर विक्रम रावत ने कहा कि आग पर काबू पाने के बाद फिर से असामाजिक तत्व जंगल में आग लगा दे रहे हैं।सूचना मिलने पर तुरंत कर्मचारी आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंच रहे हैं और आग पर काबू पा रहे हैं।
हालांकी अभी तक कोई बड़ा मामले सामने नहीं आया है। प्रदेश में फायर सीजन 15 फरवरी से शुरू हुआ, लेकिन वन विभाग को इससे पहले से ही जंगलों के सुलगने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है |