रविवार को मुमताज़ पीजी कॉलेज, लखनऊ में आयोजित हुई ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालने का फैसला लिया गया हैं। मुमताज़ पीजी कॉलेज में रविवार को मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में ऑल इंडिया मुस्लिम बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक के बाद आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहां की हमें बाबरी मस्जिद में जो 5 एकड़ जमीन दी हैं वो हमें मंजूर नहीं हैं, हम 30 दिन के अंदर इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। इसके अलावा दिल्ली में जमीयत उलमा -ए- हिन्द ने भी कोर्ट में अयोध्या फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका डालने की बात कहीं।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उठाये तीन सवाल
इस बैठक में बोर्ड के सदस्य और वकील जफरयाब जिलानी ने कोर्ट के फैसले पर सवाल करते हुए कहां की, ‘ जब 1857 से लेकरके 1949 तक मस्जिद पर मुसलमानों का कब्ज़ा और नमाज़ पढ़ना माना गया हैं तो कोर्ट ने मस्जिद की जमीन हिन्दू पक्ष को कैसे दे दी ‘ . इसके अलावा उन्होंने दूसरा सवाल किया की,’ जब कोर्ट ने ये बात मानी की 1949 में बाबरी में भगवान राम की मूर्ति रखना असंवैधानिक था तो, मूर्तियों को आराध्य कैसे माना गया ‘. उनका तीसरा सवाल हैं की,’ वक़्फ़ एक्ट के तहत मस्जिद की ज़मीन ट्रांसफर करने और उसके बदले ज़मीन लेने पर रोक है तो फिर कोर्ट ने कैसे बाबरी के बदले कैसे दूसरी जगह ज़मीन दी गयी’ .