हाई कोर्ट में यह याचिका दाखिल कर इस फैसले को चुनौती दी गई है। याचिका अयोध्या निवासी 74 वर्षीय हाजी मुहम्मद अहमद और 81 वर्षीय सैयद अखलाक अहमद ने दायर किया है।वहीं, अयोध्या मुद्दे पर बाबरी के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा था कि छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में जो हुआ था वो पूरी दुनिया ने देखा। हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। अंसारी ने कहा था कि हम संविधान को मानते हैं। हिंदू-मुस्लिम विवाद पूरी तरह खत्म होना चाहिए। अयोध्या में विकास होना चाहिए।
हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में दोनों याचियों ने कहा कि वे इस केस में अभियुक्तों के खिलाफ गवाह थे | और विध्वंस के बाद पीड़ित भी हुए थे। उनकी ओर से कहा गया है कि 30 सितंबर, 2020 के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने आज तक कोई अपील दाखिल नहीं की है|